Medicines for Kidney Stones : आयुर्वेद में किडनी स्टोन के लिए कई दवाइयां दी जाती हैं!
1. आयुर्वेद में किडनी स्टोन के लिए कई दवाइयां दी जाती हैं। यदि आप गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं, तो कम से कम एक बार किसी विशेषज्ञ से उचित जांच करवाना आवश्यक है। अगर तत्काल सर्जरी की आवश्यकता नहीं है, तो विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों को आजमाया जा सकता है। इसके लिए वरुणादि कथा औषधि उपयोगी होती है। इस दवा को 2-2 चम्मच सुबह शाम लें।
2. गुर्दे की पथरी के इलाज और बचाव दोनों के लिए भरपूर पानी पीना बहुत जरूरी है और हो सके तो कुआं और बोर (नमकीन) पानी पीने से बचना चाहिए।
3. कडुलिम्बा के पत्तों की राख 2 ग्राम पानी के साथ नियमित सेवन करने से गुर्दे की पथरी गल जाती है।
4. अगर पथरी छोटी हो और ज्यादा पुरानी न हो तो मेहंदी की छाल को पीसकर आधा चम्मच नियमित रूप से सुबह के समय मलखवा को घोलने के लिए लें।
5. गुर्दे की पथरी के लिए भी पुनर्नवा का पौधा उपयोगी है। पुनर्नवा (खपरखुटी, वासुची भाजी) मानसून से लेकर होली तक हर जगह मिल जाती है। इस पौधे की जड़ की बिना मसाले वाली चटनी (50 ग्राम) को रोजाना के खाने में शामिल करना चाहिए। बाद में उपयोग के लिए गीले पौधों को हटाकर छाया में सुखाया जा सकता है।
6. इन उपायों के साथ-साथ टमाटर, गोभी, आलू आदि सब्जियों को खाने से परहेज करना चाहिए।
7. पाशनभेद के पौधे और गोखरू कटे (सराटे) को बराबर मात्रा में मिलाकर दो ग्राम चूर्ण दिन में एक बार (सुबह खाली पेट) पानी के साथ देना चाहिए। उसके बाद चार-पांच घंटे तक मुंह से कुछ भी न लेने की सलाह दें। यह उपचार रोजाना डेढ़ महीने तक करना चाहिए। पांच-छह महीने के बाद यही उपाय एक बार फिर एक महीने तक करें